Panchayat Season 3 Review
फुलेरा गांव में फिर से धमाल! पंचायत सीजन 3 का रिव्यू
पंचायत का तीसरा सीजन आखिर आ ही गया! तो कैसा है ये सीजन? आइए, जरा समझते हैं...
कहानी का दंगल
इस सीजन की शुरुआत थोड़ी उदास है. प्रह्लाद पंचायत सचिव के बेटे के जाने का गम अभी भी बना हुआ है. सचिव जी का तबादला हो गया है और उनकी जगह नए सचिव आ गए हैं. वहीं, पिछले सीजन के झगड़े की वजह से विधायक गुस्से में हैं और भूषण उर्फ बनारस उनकी जगह लेने की फिराक में है.
पहले कुछ एपिसोड थोड़े धीमे चलते हैं, लेकिन पांचवें एपिसोड से पंचायत का असली मजा शुरू हो जाता है. प्रधान जी और उनकी टीम का जाना-पहचाना ड्रामा वापस आ जाता है. कहानी में कई ट्विस्ट आते हैं, आखिरी दो एपिसोड में तो इतना धमाका होता है कि आपको मिर्जापुर की यादें भी ताजा हो सकती हैं!
किरदारों की टोली
पंचायत की खासियत ही यही है कि इसके किरदार बिल्कुल असली लगते हैं. इस सीजन में भी जितेंद्र कुमार (अभिषेक सचीवजी ), रघुवीर यादव (प्रधान जी), नीना गुप्ता (मंजू देवी) और चंदन रॉय सान्याल (प्रह्लाद पंचायत सचिव) ने कमाल का अभिनय किया है. रिंकी का किरदार निभाने वाली सान्वीका का भी अच्छा काम है.
कुल मिलाकर...
पंचायत सीजन 3 थोड़ी धीमी शुरुआत के बाद शानदार अंदाज में खत्म होता है. ये सीजन आपको हंसाएगा, रुलाएगा और सोचने पर मजबूर कर देगा. अगर आप पहले दो सीजन के फैन रहे हैं, तो ये सीजन भी आपको जरूर पसंद आएगा.
कुछ कमियां
कुछ लोगों को कहानी की शुरुआत थोड़ी धीमी लग सकती है. रोमांस के मामले में भी ये सीजन थोड़ा पीछे रह जाता है.
लेकिन कुल मिलाकर ये एक मजेदार सीजन है, जिसे आप पूरे परिवार के साथ देख सकते हैं!